No to Single Use Plastic
प्रकृति मानव के लिए सदा अपने दरवाजे खुले रखती आई है मानव ने अपनी स्वार्थभरी प्रवृत्ति से इसका मनमाना दोहन किया है। दोहन तक सीमित हो जाना मानव की बहुत बड़ी भूल है दोहन के साथ साथ अगर प्रकृति का संतुलन बनाए रखने निमित्त मानव को प्रयास तेज कर देने चाहिए क्योंकि जब प्रकृति अपने रौद्र रूप दिखाने लग जायेगी तो मानव जाति खतरे में पड़ सकती है जिनकी बानगी सुनामी और उत्तराखंड जैसी त्रासदी के रूप में हमारे सामने आ चुकी हैं समय रहते मानव समा को संभल जाना चाहिए इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए पंचायत ने नो सिंगल यूज ऑफ प्लास्टिक अवधारणा को अपनाया है किसी भी प्रकार के सामाजिक पारिवारिक कार्यक्रमों में प्लास्टिक का पूर्णतः प्रतिबंध की ओर सराहनीय कदम उठाना हकीकत में पंचायत का सराहनीय प्रयास है।
प्लास्टिक एक ऐसा तत्व है जो धरती से कभी खत्म नहीं हो सकता है क्योंकि इसका विघटन काफी सालों से होता है यह प्लास्टिक पशुओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है साथ ही इस प्लास्टिक का समुद्र, नदी आदि जलीय स्रोतों में छोड़ देने से जलीय पारिस्थितिकी को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है अतः समय रहते मानव को संभल जाना चाहिए पंचायत का यह कदम बहुत ही सराहनीय और प्रेरणादायक है हम सबको भी इस मुहिम को आगे बढ़ाने में अपना सर्वस्व योगदान देने की महत्ती आवश्यकता है।