Ponds ( Talab )

Ponds ( Talab )

थार मरुस्थल विश्व का एकमात्र मरुस्थल जो जैविक विविधता से संपन्न है। जहां पर वनस्पति के नाम पर महज कंटीली झाड़ियां ही नजर आती हैं और दूर दूर तक पसरे रेत के टीले जिससे औसत वार्षिक वर्षा बहुत ही कम होती है तथा साथ ही इसकी जलवायु बहुत ही विषम है ऐसे में यहां पानी की बहुत किल्लत रहती है क्योंकि यहां कोई बारहमासी नदी नहीं बहती है चूरू जिला में तो कोई भी नदी नहीं है। भूगर्भीय जल भी लवणता युक्त होने की वजह से फ्लोराइड युक्त है जो स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं है इसी समस्या से निजात पाने के लिए पुरातन काल से ही जोहड़ तालाब बावड़ियां पेयजल के प्रमुख स्रोत रहे हैं जिनमें बरसाती पानी को रोककर पीने के काम में लिया जाता था। गांव में पक्का जोहड़ बना हुआ है जो पहले पीने के पानी हेतु प्रयुक्त होता था खेतों में भी पीने के पानी की किल्लत ना हो इसलिए कृषि भूमि में भी कच्चे जोहड़ बने हुए हैं जिनमे हरकानिया, बुगड़ी , कनानिया जोहड़ी आदि प्रमुख हैं।

ये जोहड़, तालाब जल संरक्षण के साधन थे आज भी बरसाती जल को वाष्पन से बचाने हेतु गांव में 4 पानी सोखने वाले कुएं बनाए गए हैं जिनसे बरसाती पानी को पुनः भूगर्भ में संचित करके भूगर्भीय जल स्तर को ऊंचा उठाने हेतु प्रयास किया जा रहा है खेतों में निजी स्तर एवं राज्य सरकार की विविध योजनाओं के अंतर्गत बरसाती पानी को एकत्रित करने हेतु कुंड बने हुए हैं। गांव के सरकारी भवनों के साथ छत के पानी को संचित करने हेतु टांको का निर्माण करवाया गया है घरों में भी बरसाती पानी को जमा करने हेतु छोटे छोटे कुंड बने हुए हैं जिनमें छत का पानी भरा जाता है।