गौ सेवा, पर्यावरण सरंक्षण, एंव युवा जोश को अनूठा नमूना.
मरुभूमि के इतिहास को उठाकर कर देखे तो शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जहां गायों की रक्षा खातिर भोमिए ने अपने प्राण न्यौछावर नही किए हो यही गौ पालन की भावना आज जनमानस में इतनी बलवती बनी हुई है कि आज हर गांव में उन महान भोमियाओं के प्रति सम्मान की भावना एवं उनकी गौ सेवा की परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने निमित्त गौ शाला निर्माण किया जा रहा है। तहसील मुख्यालय से गांव में घुसते ही मुख्य सड़क कर स्थित गौशाला अपने विशाल परिवेश एवं शानदार हरियाली युक्त परिसर आकर्षण का मुख्य केंद्र है। गौशाला का विधिवत उद्घाटन राजस्थान सरकार के मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ एवम् सरदारशहर विधायक पंडित भंवर लाल शर्मा तथा स्वामी श्री सदानंद जी महाराज के सांनिध्य में दिनांक 06 नवम्बर 2016 को किया गया तथा गौशाला का नामकरण श्री कृष्ण प्रणामी गौशाला रखा गया जिसका ज़िला रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन दिनांक 16 मार्च 2016 को करवाया गया। गौशाला के मुख्य द्वार का निर्माण सरावगी परिवार साहवा द्वारा करवाया गया है
व अन्य मुख्य सहयोगी जिन्होंने गौशाला खड़ी करने में शुरुवाती कदमताल युवाओं के साथ मिलाये ओर गौशाला में एक चारगृह एक आश्रय स्थल गौ माता के लिए ओर 3 मकान जोकि यहां रहने वाले व कार्यालय उपयोग के लिए है का निर्माण श्री मान रामानन्द शिवबगस राम जी पांडिया द्वारा करवाया गया।
गौशाला में वर्तमान में कुल 278 गौ माता व नंदी की सेवा की जाती है जिनमें 246 बड़े व 32 छोटे गौ वंश शामिल हैं । गांव की एक युवा समिति बनी हुई है जिसने गौशाला प्रबंधन का जिम्मा उठा रखा है । होली दिवाली तीज त्यौहार आदि अवसरों पर तथा जन्म दिवस शादी सालगिरह आदि कार्यक्रमों को गौशाला में मनाकर एवं आर्थिक सहयोग देकर गौसरंक्षण की परंपरा को जिंदा करने की सराहनीय कोशिश यकीनन अनुकरणीय है।